अगर आप “कांग्रेस एवं गांधी ने अस्पृश्यों के लिये क्या किया PDF” ढूंढ रहे हैं, तो आप बिलकुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम Dr. B. R. Ambedkar की उस प्रसिद्ध किताब की बातें करेंगे, जिसमें उन्होंने कांग्रेस, महात्मा गांधी और अस्पृश्यों (दलितों) के लिए किए गए कामों का सच बताया है। आप इस लेख के अंत में इस किताब का PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं।
भारत में एक समय ऐसा था जब दलितों के साथ बहुत भेदभाव होता था। उन्हें मंदिरों में जाने, स्कूलों में पढ़ने और समाज में बराबरी से जीने का हक नहीं था। ऐसे में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने उनकी आवाज़ उठाई और उनके हक की लड़ाई लड़ी।
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किताब का परिचय
“कांग्रेस एवं गांधी ने अस्पृश्यों के लिये क्या किया” एक ऐसी किताब है जो Dr. B. R. Ambedkar ने बहुत सोच-समझकर लिखी थी। इसमें उन्होंने साफ शब्दों में बताया है कि कैसे कांग्रेस पार्टी और गांधी जी ने दलितों के लिए कुछ अच्छे कदम उठाए, लेकिन कई बार उनके हितों को पूरी तरह से ध्यान में नहीं रखा गया।
अगर आप Dr. B. R. Ambedkar Book in Hindi पढ़ना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए बहुत जरूरी है। इसमें आपको भारत के उस समय की असल तस्वीर देखने को मिलेगी, जिसे आज भी बहुत से लोग नहीं जानते।
कांग्रेस का रुख
डॉ. अंबेडकर के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने आज़ादी की लड़ाई में तो सबको साथ लिया, लेकिन अस्पृश्यों के मुद्दों पर वह हमेशा उतनी गंभीर नहीं रही। कांग्रेस का ध्यान मुख्य रूप से ब्राह्मणों, बनियों और अन्य उच्च जातियों पर था।
अंबेडकर ने लिखा कि कांग्रेस ने अस्पृश्यों के अधिकारों को उस तरह से नहीं अपनाया जैसा उन्हें करना चाहिए था। हां, कुछ घोषणाएँ जरूर की गईं, लेकिन जमीन पर उनका असर बहुत कम था।
गांधी जी का दृष्टिकोण
महात्मा गांधी ने अस्पृश्यों को ‘हरिजन’ कहकर सम्मान देने की कोशिश की। उन्होंने उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई अभियान चलाए।
लेकिन Dr. Ambedkar का मानना था कि सिर्फ नाम बदलने से स्थिति नहीं बदलती। बाबा साहेब चाहते थे कि अस्पृश्यों को भी वही अधिकार मिलें जो बाकी सभी भारतीयों को मिलते हैं — चाहे वह शिक्षा का अधिकार हो, रोजगार का या सामाजिक सम्मान का।
गांधी जी ने मंदिर प्रवेश आंदोलन और हरिजन यात्रा जैसे कई अच्छे काम किए, लेकिन अंबेडकर जी का कहना था कि अस्पृश्यों के लिए अलग से राजनीतिक प्रतिनिधित्व (Separate Electorates) होना चाहिए, जो गांधी जी ने स्वीकार नहीं किया। इसी बात को लेकर दोनों के बीच पूना समझौता हुआ था।
पूना समझौता
कांग्रेस एवं गांधी ने अस्पृश्यों के लिये क्या किया PDF में Dr. Ambedkar ने पूना समझौते का भी जिक्र किया है।
1932 में जब ब्रिटिश सरकार ने दलितों को अलग चुनावी अधिकार देने की बात कही थी, तो गांधी जी ने इसका विरोध किया और भूख हड़ताल शुरू कर दी। इससे अंबेडकर पर दबाव पड़ा और दोनों के बीच पूना समझौता हुआ। इसके तहत दलितों को कुछ सीटों पर आरक्षण दिया गया, लेकिन अलग से वोटिंग का अधिकार नहीं मिला।
डॉ. अंबेडकर इस समझौते से खुश नहीं थे, लेकिन उन्होंने दलितों के भले के लिए समझौता किया।
डॉ. अंबेडकर की भावनाएँ
Dr. B. R. Ambedkar ने इस किताब में अपनी भावनाएँ खुलकर व्यक्त की हैं। उन्होंने लिखा कि दलितों को असली आज़ादी तभी मिलेगी जब उन्हें बराबरी का अधिकार मिलेगा, सिर्फ दिखावे से कुछ नहीं बदलेगा।
अंबेडकर जी का सपना था कि भारत एक ऐसा देश बने जहाँ कोई भी व्यक्ति अपनी जाति के कारण नीचा न समझा जाए।
इस किताब का महत्व
आज भी जब हम कांग्रेस एवं गांधी ने अस्पृश्यों के लिये क्या किया PDF पढ़ते हैं, तो हमें समझ आता है कि डॉ. अंबेडकर कितने दूरदर्शी थे। उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, वे आज भी हमारे समाज में कहीं न कहीं दिखाई देते हैं।
अगर आप भारतीय इतिहास और दलित आंदोलन को सही तरह से समझना चाहते हैं, तो Dr. B. R. Ambedkar Book in Hindi को जरूर पढ़ें।
यह किताब न सिर्फ जानकारी देती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है।
निष्कर्ष
डॉ. अंबेडकर ने “कांग्रेस एवं गांधी ने अस्पृश्यों के लिये क्या किया” किताब के माध्यम से दलितों की सच्ची स्थिति को उजागर किया। गांधी जी और कांग्रेस ने कई अच्छे प्रयास किए, लेकिन अस्पृश्यों की असली मुक्ति के लिए डॉ. अंबेडकर ने जो आवाज उठाई, वह ऐतिहासिक थी।
अगर आप इस विषय को गहराई से जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक से Dr. B. R. Ambedkar Book PDF in Hindi फ्री में डाउनलोड करें और पढ़ें।