कृष्ण मेरी दृष्टी में– Rajneesh Osho Book PDF In Hindi

कृष्ण मेरी दृष्टि में” ओशो (राजनीश) द्वारा लिखित एक अद्भुत पुस्तक है। इस किताब में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, उनकी शिक्षा, और उनके अनोखे दृष्टिकोण पर चर्चा की गई है। ओशो ने इस पुस्तक में कृष्ण को केवल एक ऐतिहासिक व्यक्ति या धार्मिक अवतार के रूप में नहीं देखा, बल्कि उन्हें जीवन का उत्सव, प्रेम और आनंद का प्रतीक बताया है।

Krishna Meri Drishti Me Osho Book PDF

File Nameकृष्ण मेरी दृष्टी में
File CategoryRajneesh Osho Books
Pages In PDF579
File Size22.5 MB
LanguageHindi
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ओशो का दृष्टिकोण और कृष्ण की भूमिका

ओशो का मानना है कि कृष्ण केवल धर्म के उपदेशक नहीं थे, बल्कि वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने जीवन को पूरी तरह जिया। उन्होंने प्रेम किया, मित्रता निभाई, नृत्य किया और युद्ध भी किया। ओशो के अनुसार, कृष्ण ने जीवन को हर रूप में स्वीकार किया और यही उनका सबसे बड़ा संदेश था – जीवन को पूरी तरह जीना और उसमें आनंद पाना।

कृष्ण और गीता का संदेश

ओशो ने भगवद गीता को भी अलग दृष्टिकोण से समझाया है। उनके अनुसार, गीता केवल युद्ध का संदेश नहीं है, बल्कि यह जीवन की सभी परिस्थितियों में संतुलन बनाए रखने की सीख देती है। अर्जुन को दिए गए उपदेश में कृष्ण ने कर्मयोग, भक्ति और ज्ञान का सही अर्थ समझाया है। ओशो बताते हैं कि गीता में जो कुछ भी कहा गया है, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना महाभारत के समय था।

ओशो का मानना है कि कृष्ण का जीवन प्रेम और आनंद से भरा हुआ था। वे गोपियों के साथ रासलीला करते थे, लेकिन यह केवल शारीरिक आकर्षण नहीं था। यह आत्मा का मिलन था। ओशो के अनुसार, कृष्ण ने प्रेम को किसी बंधन में नहीं बांधा, बल्कि इसे पूरी स्वतंत्रता दी। यही वजह है कि वे आज भी प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं।

कृष्ण का जीवन: धर्म और अधर्म का समन्वय

ओशो इस बात पर जोर देते हैं कि कृष्ण ने धर्म और अधर्म को एक साथ समझाया। उन्होंने कहा कि जीवन में केवल सही और गलत नहीं होता, बल्कि हर स्थिति का एक अलग अर्थ होता है। कभी-कभी धर्म के लिए अधर्म का सहारा भी लेना पड़ता है। महाभारत में कृष्ण ने धर्म की रक्षा के लिए कई ऐसे निर्णय लिए जो सामान्य दृष्टि से अधर्म लग सकते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य हमेशा धर्म की स्थापना था।

पुस्तक में प्रमुख विषय

  1. कृष्ण और अर्जुन का संवाद: गीता के माध्यम से जीवन के रहस्य समझाए गए हैं।
  2. प्रेम और भक्ति: राधा और कृष्ण का प्रेम केवल शारीरिक नहीं, आत्मिक था।
  3. जीवन में संतुलन: कर्मयोग, ज्ञान और भक्ति का समन्वय।
  4. मृत्यु का भय नहीं: जीवन को उत्सव की तरह जियो और मृत्यु को सहज स्वीकार करो।

“कृष्ण मेरी दृष्टि में” एक ऐसी किताब है जो जीवन के गहरे रहस्यों को सरल भाषा में समझाती है। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति को पढ़नी चाहिए जो जीवन को समझना और उसे पूरी तरह जीना चाहता है। ओशो ने इसमें कृष्ण के माध्यम से यह सिखाया है कि हम कैसे हर परिस्थिति में खुशी पा सकते हैं।