प्रेम के फूल – Rajneesh Osho Book PDF In Hindi

प्रेम के फूल ओशो (राजनीश) द्वारा लिखी गई एक अद्भुत पुस्तक है। यह किताब प्रेम, जीवन और आत्मा की गहराइयों को छूती है। ओशो का मानना था कि सच्चा प्रेम शुद्ध होता है, जिसमें कोई स्वार्थ नहीं होता। यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो प्रेम को समझना और उसे महसूस करना चाहते हैं। अगर आप प्रेम के सच्चे अर्थ को जानना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए सही चुनाव है।

ओशो ने हमेशा प्रेम को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उनका कहना था कि जब हम प्रेम करते हैं, तो हम खुद को भूलकर दूसरों को अपनाते हैं। प्रेम का मतलब सिर्फ रोमांटिक प्यार नहीं है, बल्कि यह आत्मा की उस स्थिति को दर्शाता है, जहाँ हम किसी को पूरी स्वीकृति के साथ अपनाते हैं।

Prem Ke Phool Osho Book PDF File Details

File Nameप्रेम के फूल
File CategoryRajneesh Osho Books
Pages In PDF170
File Size2.7 MB
LanguageHindi
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इस पुस्तक में ओशो ने प्रेम को एक फूल की तरह बताया है। फूल जब खिलता है, तो वह अपनी खुशबू सबके साथ बाँटता है, बिना किसी स्वार्थ के। उसी तरह जब इंसान के अंदर प्रेम खिलता है, तो वह दुनिया को खूबसूरत बना देता है। इस किताब में बताया गया है कि प्रेम में कोई बंधन या शर्तें नहीं होतीं। प्रेम का मतलब है बिना डर और बिना उम्मीद के देना।

प्रेम में डर क्यों होता है?

अक्सर लोग प्रेम में डर महसूस करते हैं। यह डर इस बात का होता है कि कहीं उन्हें ठुकरा न दिया जाए। ओशो कहते हैं कि जब प्रेम में डर होता है, तो वह प्रेम नहीं, एक सौदा बन जाता है। सच्चा प्रेम हमेशा मुक्त होता है। इसमें कोई शर्त नहीं होती। अगर प्रेम में डर है, तो वह अहंकार की निशानी है।

प्रेम के फूल – Rajneesh Osho Book PDF In Hindi

सच्चे प्रेम की पहचान

ओशो ने बताया है कि सच्चा प्रेम हमेशा निस्वार्थ और नि:शब्द होता है। इसमें कोई अपेक्षा नहीं होती। सच्चा प्रेम देने में है, पाने में नहीं। जब कोई व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के प्रेम करता है, तो वह खुद को भी बेहतर महसूस करता है।

ओशो का कहना था कि प्रेम में स्वतंत्रता बहुत जरूरी है। जब हम किसी को प्रेम करते हैं, तो हमें उसे उसकी स्वतंत्रता भी देनी चाहिए। अगर प्रेम में बंधन आ जाए, तो वह प्रेम खत्म हो जाता है। प्रेम का मतलब है कि आप किसी को अपनी दुनिया में जगह देते हैं, लेकिन उसे उसकी दुनिया से दूर नहीं करते।

प्रेम और ध्यान का रिश्ता

ओशो ने प्रेम और ध्यान को एक-दूसरे से जुड़ा हुआ बताया है। उनका मानना था कि जब हम ध्यान करते हैं, तो हम अपने भीतर की शांति को महसूस करते हैं। यही शांति हमें प्रेम की ओर ले जाती है। ध्यान से मन शांत होता है और जब मन शांत होता है, तो प्रेम स्वतः ही जन्म लेता है।

यह किताब सिर्फ प्रेम की बातें ही नहीं सिखाती, बल्कि जीवन को सही तरीके से जीने की प्रेरणा भी देती है। ओशो कहते हैं कि जब हम प्रेम में होते हैं, तो हम जीवन को खुलकर जीते हैं। हम हर पल को जीते हैं और हर छोटी-छोटी चीज में खुशियाँ ढूँढते हैं।

ओशो की अनूठी शैली

ओशो की भाषा सरल और दिल को छू लेने वाली होती है। वे कठिन बातें भी इतनी सहजता से समझा देते हैं कि हर कोई उसे अपने जीवन से जोड़ पाता है। इस किताब में भी उन्होंने जीवन के गहरे रहस्यों को आसान शब्दों में समझाया है।

क्यों पढ़ें ‘प्रेम के फूल’?

  • प्रेम की सही समझ: यह किताब आपको प्रेम का सही अर्थ समझाएगी।
  • जीवन के सवालों के जवाब: जीवन से जुड़े कई सवालों का उत्तर इस किताब में छिपा है।
  • अहंकार को मिटाना: यह किताब सिखाती है कि प्रेम में अहंकार का कोई स्थान नहीं होता।
  • शांति और खुशी: प्रेम में जीने से मन को शांति और खुशी मिलती है।

प्रेम के फूल ओशो द्वारा लिखी गई एक ऐसी किताब है, जो आपको प्रेम, जीवन और आत्मा के वास्तविक अर्थ से परिचित कराती है। यह किताब न सिर्फ प्रेम को समझने में मदद करती है, बल्कि जीवन को एक नई दिशा भी देती है। अगर आप सच्चे प्रेम का अनुभव करना चाहते हैं, तो इस किताब को जरूर पढ़ें। इसे हमारी वेबसाइट से PDF में फ्री डाउनलोड करके अपने जीवन को प्रेम और शांति से भर दें